जमैका के लेखक मार्लोन जेम्स ने अपने उपन्यास "ए ब्रीफ हिस्ट्री ऑफ सेवन किलिंग्स" के लिए प्रतिष्ठित 2015 मैन बुकर पुरस्कार जीता है. इसके साथ ही, वे मैन बुकर पुरस्कार जीतने वाले जमैका के पहले व्यक्ति बन गये है. उनकी 680-पेज का उपन्यास वर्ष 1970 में जमैका के रेग संगीतकार बॉब मार्ले पर हत्या की कोशिश से प्रेरित है. भारत के संजीव सहोता, हानया यनाघिरा, टॉम मैकार्थी, ऐनी टायलर और मार्लोन जेम्स का नाम इस प्रतिस्पर्धा मे चल रहा था.
मैन बुकर पुरस्कार के बारे में
- स्थापित: यह पुरस्कार मैन ग्रुप द्वारा वर्ष 1969 से दिया जा रहा है.
- उद्देश्य: इसका उद्देश्य अंग्रेजी में लिखे गए और यूनाइटेड किंगडम में प्रकाशित किए गए सबसे अच्छे उपन्यास को पुरस्कृत करना है, जिसके द्वारा कथा साहित्य में बेहतरीन साहित्यिक काम को बढ़ावा दिया जा सके.
- पुरस्कार राशि: 50,000 पाउंड का नकद पुरस्कार.
मैन बुकर पुरस्कार और भारत
तीन भारतीय लेखको ने मैन बुकर पुरस्कार जीत रखा है, वर्ष 1997 मे अरुंधति राय को "द गॉड ऑफ़ स्माल थिंग्स" के लिए, वर्ष 2006 मे किरण देसाई को "द इनहैरिटैंस ऑफ लॉस" के लिए और वर्ष 2008 मे अरविन्द अडिग को "द व्हाइट टाइगर" के लिए मैन बुकर पुरस्कार जीता था.
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