केंद्र सरकार ने देश में लोगों के बीच हवाई यात्रा को लोकप्रिय बनाने के उद्देश्य से राष्ट्रीय नागर विमानन नीति 2015 की घोषणा की है. राष्ट्रीय नागर विमानन नीति 2015 की घोषणा नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री, महेश शर्मा द्वारा नई दिल्ली में की गई. नागर विमानन नीति को अंतिम रूप दिये जाने से पहले उद्योग जगत और विभिन्न हितधारकों से हेतु टिप्पणी तीन सप्ताह के लिए खोला गया है.
राष्ट्रीय नागर विमानन नीति -2015 की मुख्य विशेषताएं
- वर्तमान मे भारत वैश्विक विमानन क्षेत्र में 10 वें स्थान पर है. राष्ट्रीय नागर विमानन नीति 2015 का उद्देश्य भारत के छोटे शहरों के बीच हवाई संपर्क में सुधार लाकर, भारत को वैश्विक विमानन क्षेत्र में तीसरे स्थान पर लाना है.
- केंद्र सरकार लगभग 300 छोटे शहरों में हवाई अड्डों का संचालन करेगी, इस कार्य हेतु सरकार विशेष कोष की स्थापना करके पैसा उपलब्ध कराएगी.
- विमानन क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए विशेष रूप से कस्टम में टैक्स प्रोत्साहन दिया जाएगा, जबकी विमानन ईंधन पर किसी भी तरह का टैक्स रियायत नही दिया जाना प्रस्तावित है. एयरलाइंस के रखरखाव हेतु टैक्स रियायत दिया जाना सम्भावित है.
- एशिया विमानन क्षेत्र में भारत को रखरखाव, मरम्मत और ओवरहाल के केंद्र के रूप में विकसित करने के क्रम में सर्विस टैक्स शून्य किया जाना प्रस्तावित है.
- विदेशी प्रत्यक्ष निवेश: वर्तमान में यह 49 प्रतिशत है, जिसे बढाकर 50 फीसदी से अधिक करना भी प्रस्तावित है. केवल वे सभी देश निवेश कर सकते है, जो भारतीय राजधानी, दिल्ली की 5000 किलोमीटर की परिधि मे आतें है.
- चार्ज: राष्ट्रीय नागर विमानन नीति 2015 के तहत दो छोटे शहरों के बीच एक घंटे की उड़ान के लिए अधिक से अधिक 2500 रुपये चार्ज कर पाएगी.
- मुक्त आकाश नीति: राष्ट्रीय नागर विमानन नीति 2015 तहत विदेशी एयरलाइनें भारत मे और भारत से बाहर असीमित संख्या में उड़ानें भर सकती हैं.
No comments:
Post a Comment