केंद्र सरकार ने विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) पर न्यूनतम वैकल्पिक कर (मैट) पर न्यायाधीश ए.पी. शाह समिति की रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया है. सिफारिशों को स्वीकार करके, सरकार पिछली तारीख यानी 1 अप्रैल 2015 से पहले एफआईआई पर लेवी लागू नहीं करेगी. इस बीच, सरकार ने मेट से संबंधित मुद्दों पर एफआईआई के खिलाफ मामले को आगे नहीं बढ़ाने के लिए प्रत्यक्ष कराधान (सीबीडीटी) क्षेत्र के अधिकारियों के केंद्रीय बोर्ड का आदेश जारी किये है.
महत्वपूर्ण निर्णय :
1. विदेशी संस्थागत निवेशकों की पिछले पूंजीगत लाभ 20 प्रतिशत मेट लगाने के लिए कोई कानूनी आधार नहीं है.
2. न्यूनतम वैकल्पिक कर (मेट) छूट एफआईआई भारत में व्यापार / स्थायी प्रतिष्ठान की जगह नहीं होने के लिए लागू नहीं होगा ।
महत्वपूर्ण निर्णय :
1. विदेशी संस्थागत निवेशकों की पिछले पूंजीगत लाभ 20 प्रतिशत मेट लगाने के लिए कोई कानूनी आधार नहीं है.
2. न्यूनतम वैकल्पिक कर (मेट) छूट एफआईआई भारत में व्यापार / स्थायी प्रतिष्ठान की जगह नहीं होने के लिए लागू नहीं होगा ।